यह पंचायत दक्षिण नोनेया के नाम से जाना जाता है।

यह पंचायत दक्षिण नोनेया के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी सरकार के समय यहां पर नुनिया जाती के लोगों के द्वारा नमक काम किया जाता था। इस लिए इस पंचायत का नाम नोनेया पड़ा। पहले यह पंचायत नोनेया के नाम से था। मगर 1995 से पंचायत का बंटवारा का प्रक्रिया शुरू हुआ और 2000 तक पुरी हुई। तत्‌पश्चात्‌ 2001 के चुनाव में यह पंचायत उत्तरी नोनेया तथा दक्षिण नोनेया के नाम से जाना जाने लगा। इस पंचायत में कुल 13 वार्ड है। इस पंचायत की कुल आबादी लगभग 9000/- हजार है। इसमें कुल 15 टोले है। इस पंचायत को तिरहुत मुखय नहर दो भागों में बांटती है। इस पंचायत की दूरी जिला मुखयालय मोतिहारी से 37 किलोमीटर है तथा प्रखण्ड मुखयालय से इस पंचायत तक की दूरी 11 किलोमीटर है।
इस पंचायत में कुशवाहा जाती के लोगों की संखया ज्यादा है। इस पंचायत में धनौती नदी है। यहाँ खेती के लिए कुल जमीन लगभग 2000 एकड़ है। जमीन समतल एवं उपजाउ है। यहां का मुखय खेती, धान, गेहू, मक्का, आलू, सब्जी तथा गन्ना की खेती होती है। यहाँ नदी, नहर, तालाब तथा बोरिंग से खेती की जाती है। कुल दो पोखरा है जो बरेव टोला तथा महतो टोला में अवस्थित है। यहाँ कन्या उच्च विद्यालय, राजकीय उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय है जिसके कारण शिक्षा का स्तर भी अच्छा है। इस पंचायत के उत्तर में मुखय नहर, दक्षिण इनारवाभार, पंचायत पूरब में मनकररिया, तथा पश्चिम में जगदीशपुर पंचायत है। स्थानीय स्तर पर मेला का आयोजन भी अगस्त माह में होता है।